- 1 पूजा विधि: शनिदेव को प्रसन्न करने का सही तरीका
- 2 शनि देव के उपास्य स्थल: पूजा के लिए सही स्थान का चयन
- 3 नीला तिल और उपाय: शनि देव के प्रिय पर्याय
- 4 अपने कर्मों का संतुलन: शनि देव के उपासकों के लिए महत्वपूर्ण
- 5 शनि देव के मंत्र: कुप्रभाव से मुक्ति का कुंजी
- 6 घर में शनि देव की पूजा कैसे करनी चाहिए?
- 7 शनि देव की पूजा कितने बजे करनी चाहिए?
- 8 शनि देव की पूजा शाम को कब करना चाहिए?
- 9 शनि देव को प्रसन्न करने के लिए क्या करना चाहिए?
- 10 शनि के लिए कौन से भगवान की प्रार्थना करनी चाहिए?
- 11 शनिवार के दिन क्या नहीं खाना चाहिए?
- 12 शनि देव को किस बात से गुस्सा आता है?
- 13 शनिवार के दिन शनि देव को क्या चढ़ाना चाहिए?
- 14 क्या महिलाएं शनि देव को छू सकती हैं?
- 15 लक्ष्मी पूजा कैसे करें: माता लक्ष्मी की पूजा का सही तरीका
- 16 शनि देव को प्रसाद क्या चढ़ाएं?
पूजा विधि: शनिदेव को प्रसन्न करने का सही तरीका
शनि देव की पूजा विधि में सही कदमों का पालन करने से उनके कुप्रभावों से मुक्ति मिल सकती है। पूजा का समय, उपयुक्त सामग्री, और मंत्रों का जाप सही रूप से करना शनि देव की कृपा को आपकी ओर बढ़ा सकता है।
शनि देव के उपास्य स्थल: पूजा के लिए सही स्थान का चयन
शनि देव की पूजा के लिए उपयुक्त स्थान का चयन करें। एक शुभ स्थान पर पूजा करने से शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त हो सकता है।
नीला तिल और उपाय: शनि देव के प्रिय पर्याय
नीला तिल शनि देव के प्रिय भोज्य हैं। शनिवार को नीले तिल का सेवन करना और उसे दान में देना शनि देव को प्रसन्न करने में मदद कर सकता है।
अपने कर्मों का संतुलन: शनि देव के उपासकों के लिए महत्वपूर्ण
शनि देव के उपासकों को अपने कर्मों का संतुलन बनाए रखना चाहिए। ईमानदारी से काम करना और अपनी जिम्मेदारियों का पूरा करना उनकी कृपा को आकर्षित कर सकता है।
शनि देव के मंत्र: कुप्रभाव से मुक्ति का कुंजी
शनि देव के पूजा के समय उनके मंत्रों का जाप करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का नियमित जाप करना शनि देव की कृपा को आपकी ओर बढ़ा सकता है।
इन सरल उपायों का अनुसरण करके आप शनि देव की कृपा में सजीव हो सकते हैं और उनके कुप्रभावों से मुक्ति प्राप्त कर सकते हैं। यह न केवल आपके जीवन को सकारात्मक बना सकता है, बल्कि आपको एक सुखमय और समृद्धि भरा जीवन भी प्रदान कर सकता है।
घर में शनि देव की पूजा कैसे करनी चाहिए?
शनि देव पूजा- विधि…
- सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
- स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीपक प्रज्वलित करें।
- इस दिन शनि देव को तेल अर्पित करें।
- शनि देव को पुष्प अर्पित करें।
- शनि देव को भोग लगाएं।
- शनि देव की आरती करें।
- शनि चालीसा का पाठ करें।
- शनि देव के मंत्रों का जप करें।
शनि देव की पूजा कितने बजे करनी चाहिए?
जिसके कारण शनि देव की पूजा सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद की जाती है. सूर्यास्त के बाद शनि देव की पूजा करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं और उपासक को सुख और समृद्धि दोनों की प्राप्ति होती है.
शनि देव की पूजा शाम को कब करना चाहिए?
ऐसे में पूर्व दिशा की ओर शनिदेव की पीठ पड़ती है। जिसके कारण शनिदेव की पूजा सूर्योदय से पहले या फिर सूर्यास्त से के बाद की जाती है। क्योंकि उस समय पश्चिम दिशा में सूर्य अस्त हो जाते हैें। सूर्यास्त के बाद शनिदेव की पूजा करने से वह जल्द प्रसन्न हो जाते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
शनि देव को प्रसन्न करने के लिए क्या करना चाहिए?
- दान-पुण्य करें गरीबों और ज़रुरतमंदों की मदद करने वालों पर शनि देव की विशेष कृपा रहती है. …
- शनि यंत्र की पूजा …
- शनि मंत्र का जाप करें …
- कुत्तों की करें सेवा …
- हनुमान जी की करें अराधना …
- शिव जी की करें पूजा
शनि के लिए कौन से भगवान की प्रार्थना करनी चाहिए?
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह माना जाता है कि भगवान हनुमान ने शनिदेव को रावण की बुराई से बचाया था। तब से यह माना जाता है कि यदि आप शनिदेव को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले भगवान हनुमान को समर्पित करना चाहिए।
शनिवार के दिन क्या नहीं खाना चाहिए?
शनिवार के व्रत का ये है नियम
शनिवार का व्रत करने वाले को पूरे दिन फलाहार करना चाहिए. इस व्रत में दिन में अन्न नहीं खाना चाहिए. शाम के समय उड़द की दाल की खिचड़ी खाकर व्रत खोलने चाहिए. व्रत के अगले दिन सुबह नहाकर पूजा करने के बाद ही कुछ खाना चाहिए, वरना व्रत पूर्ण नहीं माना जाता है.
शनि देव को किस बात से गुस्सा आता है?
शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि शनिवार के दिन लोहे से बनी वस्तुएं नहीं खरीदनी चाहिए । ऐसा करने से शनिदेव नाराज हो जाते हैं। हालाँकि, यदि कोई लोहे से बनी वस्तुएँ खरीदता है, तो उसे यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उस दिन उन्हें घर न लाएँ। शास्त्र कहते हैं कि शनिवार के दिन नमक नहीं खरीदना चाहिए।
शनिवार के दिन शनि देव को क्या चढ़ाना चाहिए?
शनि देव को हमेशा लोहे के पात्र से ही तेल चढाएं. यानि शनि देव पर जब भी तेल चढ़ाएं जिस भी पात्र से चढ़ाएं वो लोहे का ही होना चाहिए. शनि देव को सरसों या तिल्ली का तेल ही चढ़ाएं. ऐसा इसीलिए खास है क्योंकि शनि देव को जब पीड़ा हुई थी तो हनुमान जी ने भी यही तेल शनि देव को लगाया था.
क्या महिलाएं शनि देव को छू सकती हैं?
वह अपना आशीर्वाद बरसाने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं, आपको बस विश्वास और भक्ति के साथ उनके पास आना होगा। महामंडलेश्वर ने कहा कि महिलाओं के लिए शनिदेव की मूर्ति को छूना वर्जित किया गया है और पूजा करने पर भी कोई रोक नहीं है.
लक्ष्मी पूजा कैसे करें: माता लक्ष्मी की पूजा का सही तरीका
विभिन्न धार्मिक आदान-प्रदानों में, माता लक्ष्मी की पूजा को बहुत आदर्श माना गया है। यह पूजा समृद्धि, धन, और धार्मिकता के साथ जुड़ी होती है। इसके माध्यम से व्यक्ति अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन कर सकता है।
शनि देव को प्रसाद क्या चढ़ाएं?
वैसे तो सभी देवी देवताओं को मीठे का भोग चढ़ता है, मगर शनिदेव को काले तिल और खिचड़ी का भोग ही चढ़ाया जाता है। आपको बता दें कि शनि देव को पीली खिचड़ी नहीं चढ़ती है। इसलिए उरद की दाल की खिचड़ी ही आपको बना कर शनि देव को चढ़ानी चाहिए।