करवाचौथ क्यों और कैसे मनाया जाता है |

By Himanshu Sen

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नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है हिमांशु सेन और आज हम बात करने वाले है करवाचौथ कैसे मनाये और करवाचौथ का उपवास क्यों रहा जाता है |

दोस्तों भारतीय हिन्दू महिलाये अपने पति की लम्बी उम्र के लिए करवाचौथ का उपवास रहती है |

करवाचौथ क्यों मनाया जाता है |

पौराणिक काल से यह मान्‍यता चली आ रही है कि पतिव्रता सती सावित्री के पति सत्‍यवान को लेने जब यमराज धरती पर आए तो सत्‍यवान की पत्‍नी ने यमराज से अपने पति के प्राण वापस मांगने की प्रार्थना की। उसने यमराज से कहा कि वह उसके सुहाग को वापस लौटा दें।

करवा चौथ व्रत की शुरुआत कैसे हुई?

महाभारत से करवा चौथ का रिश्ता

तपस्या में आ रही बाधाओं को देखकर उनकी पत्नी द्रौपदी ने भगवान श्रीकृष्ण से मदद मांगी. तब भगवान श्रीकृष्ण ने द्रौपदी से कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि के दिन करवा चौथ का व्रत रखने को कहा. इस व्रत के परिणाम स्वरूप पांडवों को सभी प्रकार के संकटों से मुक्ति मिली


करवा चौथ कब से और क्यों मनाया जाता है?


करवा चौथ कब से और क्यों मनाया जाता है?हिन्दू धर्म में करवा चौथ का विशेष महत्व है. करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं. मान्यता है कि महिलाओं द्वारा इस पर्व को करने से इनके पति के सारे संकट दूर हो जाते हैं और दीर्घायु होते हैं. करवा चौथ का व्रत हर साल कार्तिक माह के कृष्णा पक्ष के चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है.
करवा चौथ की मान्यता क्या है?

करवा चौथ का महत्व- ऐसी मान्यता है कि करवाचौथ का व्रत करने से पति के जीवन में किसी भी प्रकार का कष्ट नहीं आता है। साथ ही पति को लंबी आयु की प्राप्ति होती है। करवाचौथ के व्रत में शिव, पार्वती, कार्तिकेय, गणेश और चंद्रमा के पूजन करने का विधान है।


करवा में क्या डालते हैं?

एक करवा, कलश या स्टील का गिलास पानी, 1 चम्मच दूध और चुटकी भर चीनी और चावल से भरा होता है। इसे शाम और चांद पूमा के लिए रखा जाता है और थाली के बाहर रखा जाता है।


करवा चौथ पर व्रत कैसे तोड़ते हैं?

करवा चौथ पर महिलाएं भगवान गणेश, मां पार्वती, भगवान शिव और भगवान कार्तिकेय की पूजा करती हैं और चंद्रमा को देखकर व्रत खोलती हैं। छलनी से चंद्रमा को देखने के बाद, विवाहित महिलाएं व्रत तोड़ने के लिए अपने पति के हाथों से भोजन का एक निवाला और पानी का एक घूंट लेती हैं।


करवा चौथ का व्रत का क्या महत्व है?

करवा चतुर्थी के दिन माताएं निराहार रहकर के अन्न और जल का त्याग करके पति की लंबी आयु की कामना के लिए इस व्रत को करती हैं. पुराणों में ऐसी कथा है प्रजापति दक्ष ने जब चंद्रमा को श्राप दिया कि जो तुम क्षीण हो जाओ. जो तुम्हारे दर्शन करेगा उस पर कलंक आएगा.

करवा चौथ के दिन रात में पति पत्नी क्या करते हैं?

करवा चौथ की रात को पत्नी पूरे दिन व्रत रखने के बाद शाम को चंद्रमा के दर्शन कर अर्घ्य अर्पित करती हैं। इसके बाद पति करवा से पत्नी को पानी पिलाते हैं और फिर कुछ खिलाकर उनका व्रत तोड़ते हैं

करवा चौथ पर किस भगवान की पूजा की जाती है?

लंबी उम्र और सौभाग्य के लिए इस दिन चंद्रमा की पूजा की जाती है। इसके अलावा भगवान शिव, माता पार्वती और श्रीगणेश की भी पूजा की जाती है।

करवा चौथ पर चंद्रमा न हो तो क्या होगा?

1. ऐतिहासिक समय में, यदि कोई महिला करवा चौथ पर चंद्रमा नहीं देख पाती थी, तो वे अगले दिन सूर्योदय के बाद अपना व्रत खोलती थीं ।

2. हालाँकि, यदि आप अपना व्रत उसी दिन तोड़ना चाहते हैं, तो आपको भगवान शिव के सिर पर बैठे चंद्रमा के दर्शन करने चाहिए और चंद्रमा की पूजा करके क्षमा याचना करनी चाहिए।


बिना चांद के करवा चौथ व्रत कैसे खोलें?

यदि चन्द्रमा न दिखाई दे, तो भगवान शिव के मस्तक पर विराजमान चंद्रमा के दर्शन करें।फिर चंद्रमा की पूजा करने का विधान है।चंद्रोदय का सही समय जानकर चन्द्रमा किस तरफ निकलता है, उस दिशा में मुंह करके पूजा कर व्रत का पारण करें

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करवाचौथ क्यों और कैसे मनाया जाता है |

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