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- 1 भूमि की तैयारी:
- 2 Gehu ki kheti kese kare सिंचित दशा – गेहूं की विकसित किस्में :-
- 3 उपयुक्त बीज का चयन:
- 4 Gehu ki kheti kese kare उर्वरक का सही समय पर प्रयोग:
- 5 Gehu ki kheti kese kare जल संचार:
- 6 Gehu ki kheti kese kare बीमारियों और कीटाणु से बचाव:
- 7 Gehu ki kheti kese kare सबसे ज्यादा पैदावार देने वाली गेहूं कौन सा है?
- 8 Gehu ki kheti kese kare सबसे अच्छा गेहूं का बीज कौन सा होता है?
- 9 Gehu ki kheti kese kare गेहूं की बुवाई के समय क्या क्या डालना चाहिए?
- 10 एक बीघा जमीन में कितना गेहूं हो सकता है?
- 11 हाइब्रिड गेहूं कौन सा है?
- 12 गेहूं के रोग (Disease Of Wheat)
- 13 अन्य सुझाव:
- 14 गेहूं की फसल के लिए खरीदें ये जैव उर्वरक (Buy These Bio Fertilizers For Wheat Crop)
भूमि की तैयारी:
Gehu ki kheti kese kare सफलता की कुंजी उच्च गुणवत्ता वाली भूमि से है। खेत को अच्छे से जोतने के लिए ट्रैक्टर की मदद से खेत को अच्छे से जोतना होगा। खेत को दो या तीन बार हल से जोतना चाहिए। इससे मिट्टी की कुर्कीला हटाई जाएगी और बीजों को अच्छे से फैलने में मदद मिलेगी।
किस्म | वर्ष | उत्पादकता (क्विंटल/हेक्टेयर) | पकने की अवधि (दिन) | पौधों की ऊँचाई (सेमी) | विशेष अवरोध (रोगों के खिलाफ) |
---|---|---|---|---|---|
देवा(के.-9107) | 1996 | 45-50 | 130-135 | 105-110 | रतुआ, झुलसा, करनाल बंट |
के.-0307 | 2007 | 55-60 | 125-100 | 85-95 | रतुआ, झुलसा, करनाल बंट |
एच.पी.-1731(राजलक्ष्मी) | 1995 | 55-60 | 130-140 | 85-96 | रतुआ, झुलसा, करनाल बंट |
नरेन्द्र गेहूँ –1012 | 1998 | 50-55 | 135-140 | 85-95 | रतुआ, झुलसा, करनाल बंट |
उजियार (के.-9006) | 1998 | 50-55 | 130-135 | 105-110 | रतुआ, झुलसा, करनाल बंट |
पूसा व्हीट 3237 (एच.डी.3237) | 2019 | 48.4 | 145 | 105-110 | पीला, भूरा रस्ट, अच्छी |
एच.यू.डब्लू.-468 | 1999 | 55-60 | 130-140 | 85-95 | — |
डी.एल.-784–3 (वैशाली) | 1993 | 45-50 | 130-135 | 85-90 | — |
यू.पी.-2382 | 1999 | 60-65 | 135-140 | 95-100 | — |
एच.पी.-1761 | 1997 | 45-50 | 135-140 | 90-95 | — |
डी.बी.डब्लू.-17 | 2007 | 60-65 | 125-135 | 95-100 | रतुआ, अवरोधी |
एच.यू.डब्लू.-510 | 1998 | 50-55 | 115-120 | 95-100 | — |
पी.बी.डब्लू.-443 | 2000 | 50-55 | 125-135 | 90-95 | रतुआ, अवरोधी |
पी.बी.डब्लू.-343 | 1997 | 60-65 | 125-140 | 90-95 | — |
एच.डी.-2824 | 2003 | 55-60 | 125-135 | 90-100 | रतुआ, अवरोधी |
सी.बी.डब्लू.-38 | 2009 | 44.4 | 112-129 | 80-105 | ताप सहिष्णु, चपाती, ब्रेड |
के.-1006 | 2015 | 47.0 | 120-125 | 88-90 | रतुआ, झुलसा, अवरोधी |
के.-607 (ममता) | 2014 | 42.4 | 120-125 | 85-88 | रतुआ, झुलसा, अवरोधी |
डी.बी.डब्लू.-187 (करन वन्दना) | 2019 | 48.8 | 120 | 85-88 | पीला, भूरा रस्ट, अच्छी |
पूसा यशस्वी (एच.डी.-3226) | 2019 | 57.5 | 142 | 85-88 | स्ट्रिप, लीफ एवं करनाल बंट तथा ब्लेक रस्ट, पाउडरी मिल्ड्यू, फ्लेग स्मट एवं फुटराट ले प्रति उच्च अवरोधी |
के.आर.एल.283 | 2018 | 20.9 | 128-133 | 85-88 | लीफ ब्लाइट, करनाल बंट एवं हिल बंट के प्रति अवरोधी |
एच.आई.8759 (पूसा तेजस) | 2017 | 56.9 | 117 | 85-88 | उच्च प्रोटीन, जिंक एवं आयरन, पास्ता बनाने वाली प्रजाति (बायो- फोर्टीफाईड प्रजाति- प्रोटीन 12.5 प्रतिशत, आयरन 41.1 पीपीएम, जिंक 42.8 पीपीएम) |
एच.डी.3171 | 2017 | 28 | 130-140 | 85-88 | काला, पीला एवं भूरा रस्ट अवरोधी, उच्च जिंक एवं आयरन (बायो- फोर्टीफाइड प्रजाति-जिंक 47.1 पीपीएम) |
पी.बी.डब्लू.-660 | 2016 | 35.3 | 134-172 | 85-88 | पीला एवं भूरा रस्ट अवरोधी, अच्छी चपाती वाली |
आर.ए.आई.-4238 | 2016 | 45.5 | 114 | 85-88 | अच्छी चपाती वाली |
यू.पी.-2784 | 2016 | 44.2 | 120-130 | 85-88 | पीला, भूरा रस्ट अवरोधी तथा लीफ ब्लाइट मध्यम अवरोधी |
एच.आई.8737 (पूसा अनमोल) | 2015 | 53.4 | 125 | 85-88 | काला एवं भूरा रस्ट तथा करनाल बंट अवरोधी |
डी.बी.डब्लू.107 | 2015 | 41.3 | 94-130 | 85-88 | भूरा रस्ट अवरोधी तथा ताप सहिष्णु |
एन.डब्लू.5054 | 2014 | 47.0 | 130 | 85-88 | भूरा रस |
Gehu ki kheti kese kare सिंचित दशा – गेहूं की विकसित किस्में :-
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किस्म | वर्ष | उत्पादकता (क्विंटल/हेक्टेयर) | पकने की अवधि (दिन) | पौधों की ऊँचाई (सेमी) | विशेषताएं |
---|---|---|---|---|---|
डी.बी.डब्लू.-14 | 2002 | 40-45 | 108-128 | 70-95 | |
एच.यू.डब्लू.-234 | 1988 | 35-45 | 110-120 | 85-90 | |
एच.आई.-1563 | 2011 | 37.6 | 110-115 | 85-90 | लीफ रस्ट एवं लीफ ब्लाइट अवरोधी, चपाती, ब्रेड एवं बिस्किट योग्य प्रजाति, आयरन जिंक एवं कांपर की अधिकता |
सोनाली एच.पी.-1633 | 1992 | 35-40 | 115-120 | 115-120 | |
एच.डी.-2643 (गंगा) | 1997 | 35-45 | 120-130 | 85-95 | |
के.-9162 | 2005 | 40-45 | 110-115 | 90-95 | |
के.-9533 | 2005 | 40-45 | 105-110 | 85-90 | |
एच.पी.-1744 | 1997 | 35-45 | 120-130 | 85-95 | |
नरेन्द्र गेहूँ – 1014 | 1998 | 35-45 | 110-115 | 85-100 | रतुआ एवं झुलसा अवरोधी |
के.9423 | 2005 | 35-45 | 85-100 | 85-90 | |
के.-7903 | 2001 | 30-40 | 85-100 | 85-90 | |
नरेन्द्र गेहूँ – 2036 | 2002 | 40-45 | 110-115 | 80-85 | रतुआ झुलसा अवरोधी |
यू.पी.-2425 | 1999 | 40-45 | 120-125 | 90-95 | |
एच.डब्लू.-2045 | 2002 | 40-45 | 115-120 | 95-100 | रतुआ झुलसा अवरोधी |
नरेन्द्र गेहूँ – 1076 | 2002 | 40-45 | 110-115 | 80-90 | रतुआ झुलसा अवरोधी |
पी.बी.डब्लू.-373 | 1997 | 35-45 | 120-135 | 85-90 | |
डी.बी.डब्लू.-16 | 2006 | 40-45 | 120-125 | 85-90 | |
ए.ए.आई.डब्लू.-06 | 2014 | 35-45 | 110-115 | 105-110 | लीफ रस्ट अवरोधी |
एच.डी.-3059 (पूसा पछेती) | 2013 | 39.5 | 157 | 93 | रस्ट अवरोधी, ताप सहिष्णु, उच्च प्रोटीन तथा ब्रेड, बिस्किट, चपाती योग्य |
एच.डी.-2985 (पूसा बंसत) | 2011 | 35-45 | 105-110 | पार्टीकल टाइप रोग अवरोधी | |
पी.बी.डब्लू.-71 | 2013 | 40-45 | 100-110 | टाप अवरोधी | |
पी.बी.डब्लू.-752 | 2019 | 49.7 | 120 | पीला एवं भूरा रस्ट अवरोधी (बायो-फोर्टीफाईड प्रजाति-प्रोटीन 12.4%) | |
पी.बी.डब्लू.-757 | 2019 | 36.7 | 104 | पीला एवं भूरा रस्ट अवरोधी (बायो-फोर्टीफाई |
उपयुक्त बीज का चयन:
Gehu ki kheti kese kare : गेहूं की उन्नत खेती के लिए सही बीज का चयन करना महत्वपूर्ण है। बुवाई से पहले, बीज की मर्तब या अंकुरण क्षमता की जाँच आवश्यक है। सुधारित बीजों का चयन करके उत्कृष्ट पैदावार हासिल की जा सकती है।
Gehu ki kheti kese kare उर्वरक का सही समय पर प्रयोग:
Gehu ki kheti kese kare उर्वरकों का सही समय पर और सही मात्रा में प्रयोग करना चाहिए। उपयुक्त खादों की मात्रा और प्रकार का चयन करने से फसल को उच्च पैदावार हो सकता है और बीमारियों से बचाव हो सकता है।
Gehu ki kheti kese kare जल संचार:
सही समय पर सही मात्रा में सिंचाई करना भी गेहूं की उन्नत खेती के लिए महत्वपूर्ण है। सिंचाई की मात्रा बरसात की मात्रा पर निर्भर करती है, लेकिन इसे सही तरीके से प्रबंधित करना चाहिए ताकि बीजों को पूर्णतः पौष्टिक मिले।
Gehu ki kheti kese kare बीमारियों और कीटाणु से बचाव:
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Gehu ki kheti kese kare बीमारियों और कीटाणुओं का प्रबंधन अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्नत उपायों का अनुसरण करके और उपयुक्त फसल सुरक्षा उपायों का प्रयोग करके बीमारियों और कीटाणुओं को नियंत्रित किया जा सकता है।
Gehu ki kheti kese kare सबसे ज्यादा पैदावार देने वाली गेहूं कौन सा है?
गेहूं की किस्म DBW-370
यह अधिक उपज देने वाली, अर्ध-बौनी गेहूं की किस्मों की श्रेणी में आता है. DBW-370 को भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा विकसित किया गया था और गेहूं अनुसंधान निदेशालय (DWR), करनाल, हरियाणा, भारत द्वारा जारी किया गया था.
Gehu ki kheti kese kare सबसे अच्छा गेहूं का बीज कौन सा होता है?
शरबती गेहूं देश में उपलब्ध गेहूं की सबसे प्रीमियम किस्म है. शरबती गेहूं सबसे अधिक एमपी की सीहोर क्षेत्र में उगाई जाती है. इसका मुख्य कारण यहां की काली और जलोढ़ उपजाऊ मिट्टी है जो शरबती गेहूं के उत्पादन के लिए उपयुक्त है. शरबती गेहूं को “द गोल्डन ग्रेन” के नाम से भी जाना जाता है [Gehu ki kheti kese kare]
Gehu ki kheti kese kare गेहूं की बुवाई के समय क्या क्या डालना चाहिए?
गोबर की खाद एवं आधी नत्रजन की मात्रा तथा पोटाश की पूरी मात्रा खेत की तैयारी के समय आखिरी जुताई में या बुवाई के समय खाद का प्रयोग करना चाहिए, शेष नत्रजन की आधी मात्रा पहली सिंचाई पर तथा बची शेष मात्रा दूसरी सिंचाई पर प्रयोग करनी चाहिए। [Gehu ki kheti kese kare]
एक बीघा जमीन में कितना गेहूं हो सकता है?
फिर भी, सामान्य रूप से, एक बीघे से लगभग 15-20 क्विंटल गेहूं का उत्पादन किया जा सकता है। एक बीघा की साइज भारत में विभिन्न हो सकती है। लेकिन सामान्य रूप से, एक बीघा 1,618 वर्ग मीटर (से) के आसपास होता है। गेहूं का उत्पादन बीज की गुणवत्ता, बुआई के तरीके, जलवायु, मिट्टी की गुणवत्ता और अन्य कई कारकों पर निर्भर करता है।
हाइब्रिड गेहूं कौन सा है?
कौन-कौन सी गेहूं की किस्में उच्च उपज देती हैं? जवाब – मुकुट प्लस (MWL 6278), गोल हाइब्रिड, एमडब्ल्यूएल 6655, श्रीराम सुपर 111, श्रीराम सुपर 303, श्रीराम सुपर 252, सिजेंटा SW-26, अजीत 109, और अजीत 102 गेहूं की किस्में। [Gehu ki kheti kese kare]
गेहूं के रोग (Disease Of Wheat)
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नाम | जानकारी | दवा | दवा की मात्रा |
---|---|---|---|
पत्ती जंग (लीफ रस्ट/ब्राउन रस्ट) | पत्तियों पर भूरे या भूरे रंग के दाग होते हैं। यह फसल की पत्तियों पर प्रभाव डालता है। | Izumil and Izumonas | 3ml/L |
डंडा जंग (स्टेम रस्ट) | गेहूं की डंडियों पर दाग होते हैं, जिससे फसल की डंडियों पर क्षति होती है। | Izumil and Izumonas | 3ml/L |
पीली जंग (स्ट्राइप रस्ट/येलो रस्ट) | पत्तियों पर पीला या पीले रंग के दाग होते हैं, जो गेहूं को प्रभावित करते हैं। | Izumil and Izumonas | 3ml/L |
ढीला स्मट (लूस स्मट) | इस रोग में गेहूं की बुआई के समय अच्छे फसलों की बजाय बुआई की बुआई करता है, जिससे फसल की गुणवत्ता प्रभावित होती है। | Izumil and Izumonas | 3ml/L |
पाउडरी मिल्ड्यू (पाउडरी मिल्ड्यू) | इस रोग में गेहूं की पत्तियों पर सफेद परतों के छिद्र बनते हैं, जो फसल की उपज को कम करते हैं। | Izumil and Izumonas | 3ml/L |
अन्य सुझाव:
- गेहूं की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु महत्वपूर्ण है, और तापमान को देखते हुए बुआई का समय चयन करें।
- बीजों को सही दूरी और खेती की दुरी के बीच सही रैखिक दूरी बनाए रखें।
- अनुसंधान-प्रबंधन को समर्थन करने के लिए कृषि विभाग या कृषि विज्ञान केंद्र से सहायता प्राप्त करें।
इन सुझावों का पालन करके और आधुनिक तकनीकी उपायों का सही समय पर अपनाकर, गेहूं की खेती में आप उच्च उत्पादकता और सुरक्षितता हासिल कर सकते हैं। इससे न केवल आपका उत्पाद बढ़ेगा, बल्कि आप अपने क्षेत्र के किसान समुदाय की आर्थिक दृष्टि से भी सहारा देंगे।[Gehu ki kheti kese kare]
गेहूं की फसल के लिए खरीदें ये जैव उर्वरक (Buy These Bio Fertilizers For Wheat Crop)
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- Izumil (Bio Fungicides And Bactericides)₹425.00 – ₹1,550.00Select options
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- Izumonas (Bio Fungicides And Bactericides)₹160.00 – ₹550.00Select options