नमस्कार दोस्तों मेरा नाम है हिमांशु सेन और मेरे वेबसाइट का नाम है kaisekare.info है और मै इस वेबसाइट में बहुत ही अच्छा अच्छा ब्लॉग पोस्ट लिख के डालते रहता हु। दोस्तों अगर आप भी मेरी तरह शिव जी के भक्त है तो आप को महाशिवरात्रि का बेसब्री से इंतिजार होगा। पर क्या दोस्तों आप को पता है की Mahashivratri ke din shiv ji ki puja kaise kare अगर आप को नहीं पता होगा तो आप बिलकुल सही ब्लॉग पोस्ट में आये है मै की Mahashivratri ke din shiv ji ki puja kaise kare इसकी पूरी जानकारी अपने इस ब्लॉग पोस्ट में बताया हु आप इस ब्लॉग पोस्ट को पूरा जरूर पढ़े ताकि आप भी महाशिवरात्रि के दिन शिव जी पूजा अच्छे से कर सके।
- 1 महाशिवरात्रि के दिन का महत्व
- 2 शिव पूजा के लिए आवश्यक सामग्री
- 3 महाशिवरात्रि के दिन की शुरुआत
- 4 शिव मंत्रों का महत्व
- 5 Mahashivratri ke din shiv ji ki puja kaise kare
- 6 शंकर जी की आरती
- 7 पूजा का समापन
- 8 महाशिवरात्रि के दिन का व्रत
- 9 सामाप्ति की बातें
- 10 सावधानियां और सुरक्षा उपाय
- 11 सामाजिक संबंध
- 12 सावधानियां और सुरक्षा उपाय
- 13 सामाजिक संबंध
- 14 निष्कर्ष
महाशिवरात्रि के दिन का महत्व
- महाशिवरात्रि, शिवजी की पूजा के लिए एक अद्वितीय और महत्वपूर्ण दिन है।
- इस दिन, भगवान शिव की अराधना करने से हम आत्मा की शुद्धि और शांति प्राप्त कर सकते हैं।
- यह एक सामाजिक और आध्यात्मिक आनंद का मोमेंट है, जो हमें दिव्यता की ओर बढ़ने का अवसर प्रदान करता है।
शिव पूजा के लिए आवश्यक सामग्री
- शिव पूजा के लिए आवश्यक सामग्री का एक समृद्ध और सौभाग्यशाली संग्रह होता है।
- बिल्व पत्र, धारा, गंगाजल, धूप, दीप, अक्षत, और फल-फूल शामिल हो सकते हैं।
- यह सुनिश्चित करेगा कि आपकी पूजा शुद्ध और सात्त्विक हो।
महाशिवरात्रि के दिन की शुरुआत
- पूजा की शुरुआत करने से पहले, स्थान को पवित्र और शुद्ध बनाएं।
- शिवलिंग को साफ करें और उसे जल से स्नान कराएं।
- बिल्व पत्र को शिवलिंग पर अर्पित करें और मंत्र के साथ पूजा शुरू करें।
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शिव मंत्रों का महत्व
- शिव पूजा में मंत्रों का विशेष महत्व है।
- “ॐ नमः शिवाय” और “महामृत्युंजय मंत्र” जैसे मंत्रों का जाप करना आपको मानसिक शांति और आत्मा की पवित्रता प्रदान कर सकता है।
Mahashivratri ke din shiv ji ki puja kaise kare
शंकर जी की आरती
आइए अब हम भगवान शंकर की आरती का आनंद लें, जिससे हमारी पूजा और भक्ति और भी प्रफुल्लित हो
ॐ जय शिव ओंकारा,
स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,
अर्द्धांगी धारा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…॥
एकानन चतुरानन
पंचानन राजे ।
हंसासन गरूड़ासन
वृषवाहन साजे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…॥
दो भुज चार चतुर्भुज
दसभुज अति सोहे ।
त्रिगुण रूप निरखते
त्रिभुवन जन मोहे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…॥
अक्षमाला वनमाला,
मुण्डमाला धारी ।
चंदन मृगमद सोहै,
भाले शशिधारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…॥
श्वेताम्बर पीताम्बर
बाघम्बर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक
भूतादिक संगे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…॥
कर के मध्य कमंडल
चक्र त्रिशूलधारी ।
सुखकारी दुखहारी
जगपालन कारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…॥
ब्रह्मा विष्णु सदाशिव
जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर में शोभित
ये तीनों एका ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…॥
त्रिगुणस्वामी जी की आरति
जो कोइ नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी
सुख संपति पावे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…॥
—– Addition —-
लक्ष्मी व सावित्री
पार्वती संगा ।
पार्वती अर्द्धांगी,
शिवलहरी गंगा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…॥
पर्वत सोहैं पार्वती,
शंकर कैलासा ।
भांग धतूर का भोजन,
भस्मी में वासा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…॥
जटा में गंग बहत है,
गल मुण्डन माला ।
शेष नाग लिपटावत,
ओढ़त मृगछाला ॥
जय शिव ओंकारा…॥
काशी में विराजे विश्वनाथ,
नंदी ब्रह्मचारी ।
नित उठ दर्शन पावत,
महिमा अति भारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा…॥
ॐ जय शिव ओंकारा,
स्वामी जय शिव ओंकारा।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव,
अर्द्धांगी धारा ॥
पूजा का समापन
- पूजा के अनुसार, आपको शिव जी को विशेष रूप से पुष्प, धूप, और दीपों से आराधित करना चाहिए।
- समापन में, आरती गाएं और आशीर्वाद प्राप्त करें।
- आप अपनी इच्छाएं मांग सकते हैं और भगवान शिव से आपकी रक्षा की बिनती कर सकते हैं।
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महाशिवरात्रि के दिन का व्रत
- शिव पूजा के अलावा, आप महाशिवरात्रि के दिन व्रत भी रख सकते हैं।
- एक ही बार में अन्न और फलों का सेवन करें और शांति भरा दिन बिताएं।
- यह व्रत आपको शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-
व्रत नियम | फल |
---|---|
एक बार में अन्न और फलों का सेवन | आत्मा की शुद्धि और शांति |
पूजा और मंत्र जप | मानसिक शांति और आत्मा की पवित्रता |
विशेष ध्यान और धारणा | शिव जी के आभास का अनुभव |
सत्संग और प्रार्थना | परिवार और समाज में सुख-शांति |
सच्ची भक्ति और श्रद्धा | आत्मिक विकास और सामर्थ्य |
सामाप्ति की बातें
- पूजा के बाद, शिव जी को धन्यवाद दें और उनका आशीर्वाद प्राप्त करें।
- महाशिवरात्रि के दिन की शुभकामनाएं दें और अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर इस अद्वितीय दिन का आनंद लें।
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सावधानियां और सुरक्षा उपाय
- पूजा के दौरान सतत ध्यान रखें कि आप सुरक्षित रहें।
- धूप और दीपों का सही तरीके से प्रयोग करें, ताकि कोई आपातकालीन घटना ना हो।
- यदि आप महाशिवरात्रि के दिन व्रत रख रहे हैं, तो विशेष रूप से ध्यान रखें कि आप अच्छे स्वास्थ्य के साथ रहें और पूरे दिन को सावधानी से बिताएं।
सामाजिक संबंध
- महाशिवरात्रि के दिन, परिवार और दोस्तों के साथ आपसी संबंधों को मजबूत करने का एक शानदार अवसर है।
- समृद्धि और सौभाग्य के लिए शिव जी की कृपा का आभास करें और अपने प्रियजनों के साथ आनंद लें।
सावधानियां और सुरक्षा उपाय
- पूजा के दौरान सतत ध्यान रखें कि आप सुरक्षित रहें।
- धूप और दीपों का सही तरीके से प्रयोग करें, ताकि कोई आपातकालीन घटना ना हो।
- यदि आप महाशिवरात्रि के दिन व्रत रख रहे हैं, तो विशेष रूप से ध्यान रखें कि आप अच्छे स्वास्थ्य के साथ रहें और पूरे दिन को सावधानी से बिताएं।
सामाजिक संबंध
- महाशिवरात्रि के दिन, परिवार और दोस्तों के साथ आपसी संबंधों को मजबूत करने का एक शानदार अवसर है।
- समृद्धि और सौभाग्य के लिए शिव जी की कृपा का आभास करें और अपने प्रियजनों के साथ आनंद लें।
निष्कर्ष
इस अनुसंधान से, हमने देखा कि महाशिवरात्रि के दिन शिव जी की पूजा करना एक अत्यंत सकारात्मक और शुभकामना से भरा अनुभव हो सकता है। पूजा के इस विशेष मौके पर, हम आत्मा के आद्यात्मिक संयम की ओर बढ़ सकते हैं और शिव जी की कृपा से आत्मा को शांति प्राप्त हो सकती है। इसे अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा करके यह अनूठा अनुभव बना सकते हैं और एक और चरण में आगे बढ़ सकते हैं।